चांदनीI जीवन अधूरा है इसको पूरा कीजिये
दिन के बाद रात
Thursday, April 17, 2008
yatra
ह
म
भी
वक्त के सताऍ हुए है
काटो मे मी चमन बसाए उहुए है
बचपन से बोझा उठाया हुआ है
इस उम्र मे भी बचपन को गले से लगाया हुआ है
यह उम्र भी पार कर जायेंगे
फिर पहली गिनती से वही क्रिया अपनायगे
गे
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