चांदनीI जीवन अधूरा है इसको पूरा कीजिये
दिन के बाद रात
Saturday, April 26, 2008
बदलाव
जिस दिन तक हम अपने घर परिवार को अपनी सोच के अनुरूप नही बनायंगे उस दिन तक देश की बात करना मात्र कोरी कल्पना होगा जिस तरह से हम देश को बनाना चाह्ते है उस तरह हम घर परिवार को बनाये अपने आप उस समाज मे बदलाव आजाएगा.
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